Ganesh Chaturthi 2024: बप्पा के आगमन का समय करीब आ रहा है। भाद्रपद माह की विनायक चतुर्थी पर गणपति बप्पा की मूर्ति स्थापित की जाएगी। इस वर्ष गणेश चतुर्थी 6 या 7 सितंबर को कब है, यह जानने के लिए सही तारीख की जानकारी प्राप्त करें।
Ganesh Chaturthi 2024: भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को पौराणिक मान्यताओं में अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन गणपति बप्पा का धरती पर आगमन होता है और वे 10 दिनों तक भक्तों के कष्ट दूर करने के लिए पृथ्वी पर विराजमान रहते हैं।
Ganesh Chaturthi का व्रत 6 या 7 सितंबर को कब रखा जाएगा?
गणेश चतुर्थी पर स्थापना का शुभ मुहूर्त (Ganesh Chaturthi 2024 Puja Muhurat)
गणेश चतुर्थी का व्रत कैसे करें? (Ganesh Chaturthi Vrat Karne Ka Tarika)
भादों मास की गणेश चतुर्थी पर सूर्योदय से पहले स्नान करके लाल या पीले वस्त्र धारण करें। इसके बाद घर में बप्पा के समक्ष फलाहार व्रत का संकल्प लें। शुभ मुहूर्त में पूजा की चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर गणपति जी की स्थापना करें।
भगवान गणेश को गंगाजल से स्नान कराएं, सिंदूर और चंदन से तिलक करें, और पीले फूलों की माला चढ़ाएं। मोदक का भोग अर्पित करें और देसी घी का दीपक प्रज्वलित करें। जी के मंत्रों का जाप करें और आरती के बाद प्रसाद वितरित करें।
शाम को पुनः गणेश जी की आरती करें और भोग लगाएं। इसके बाद ही व्रत का पारण करें।
Ganesh Chaturthi 2024: गणेश चतुर्थी पर इन 8 महत्वपूर्ण बातों का रखें ध्यान
(Disclaimer) अस्वीकरण:
यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। यह स्पष्ट करना आवश्यक है कि Aero news network किसी भी प्रकार की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।
1. 7 सितंबर 2024 को गणेश स्थापना के लिए सुबह 11:10 बजे से दोपहर 01:39 बजे तक का समय शुभ मुहूर्त रहेगा।
2. गणेश उत्सव भगवान गणेश के पुनर्जन्म की खुशी में मनाया जाता है। इस दौरान बप्पा की पूजा करते समय कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए, जैसे सूखे फूल, तुलसी, केतकी के फूल और टूटे अक्षत का उपयोग न करना।
3. घर में सिंदूरी गणेश की स्थापना को शुभ माना जाता है, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करता है।
4. गणेश उत्सव के दौरान घर में गणेश जी की मूर्ति स्थापित करते समय ध्यान रखें कि घर सूना न रहे और जहां बप्पा विराजित हों, वहां अंधेरा न करें। रोज सुबह और शाम आरती करना न भूलें।
5. गणेश जी की मूर्ति का चयन करते समय सुनिश्चित करें कि उसमें चूहा (मूषक) अवश्य हो, क्योंकि चूहा गणपति का वाहन है। बिना मूषक वाली गणेश मूर्ति की पूजा से दोष लगने की मान्यता है।
6. गणेश चतुर्थी पर हमेशा घर में बैठी मुद्रा में गणेश प्रतिमा स्थापित करें। शास्त्रों के अनुसार, बैठा गणपति धन और समृद्धि का प्रतिनिधित्व करते हैं।
7. गणेश जी की बाईं ओर सूंड वाली प्रतिमा को वाममुखी गणपति कहते हैं, जो अत्यंत शुभ होती है। इनकी पूजा से बप्पा जल्दी प्रसन्न होते हैं।
8. अगर आप गणेश जी की मूर्ति को 10 दिन से पहले विसर्जित करना चाहते हैं, तो गणपति को डेढ़, तीन, या पांच दिन तक स्थापित करें और फिर शुभ मुहूर्त में विसर्जन करें।
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